निजी, सार्वजनिक भूमि पर धार्मिक स्थलों के लिए अध्यादेश लाएगी योगी सरकार
लखनऊ | उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब गैरकानूनी धर्मांतरण कानून को मंजूरी देने के बाद एक और अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। उत्तर प्रदेश सरकार अब निजी और सार्वजनिक भूमि पर धार्मिक स्थानों को विनियमित करने और नियंत्रित करने के लिए जल्द ही एक अध्यादेश ला सकती है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष इस संबंध में एक प्रस्ताव रखा गया है। अगर यह कानून आता है तो जाहिर सी बात है कि इस पर भी विवाद हो सकता है क्योंकि सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि निजी जमीन पर भी बने धार्मिक स्थलों पर योगी सरकार अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है।
इस बात को लेकर भाजपा और अधिकारियों को सरकार की मंशा से अवगत करा दिया गया है। धार्मिक मामलों का विभाग इस मुद्दे पर फिलहाल विचार विमर्श कर रहा है और जानकारियां जुटा रहा है। हालांकि भाजपा की ओर से यह पहली बार प्रयास नहीं किया जा रहा है। इससे पहले भी भाजपा इस तरीके का कानून लाने की तैयारी में थी जब साल 2000 में राम प्रकाश गुप्ता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उस समय इसका नाम यूपी रेगुलेशन ऑफ पब्लिक रिलीजियस बिल्डिंग एंड प्लेसेस बिल 2000 रखा गया था। भारी विरोध के बावजूद इसे विधानसभा में पारित करा लिया गया था। इसके बाद इस बिल को राज्यपाल के पास भेजा गया था। राज्यपाल सूरजभान ने इसे राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेजा और यह फाइल राष्ट्रपति के पास ही पड़ा रह गया। उस वक्त के आर नारायणन देश के राष्ट्रपति थे।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि एक बार फिर से ऐसी स्थिति से बचने के लिए योगी सरकार अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है। इस अध्यादेश का नाम उत्तर प्रदेश रेगुलेशन एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ रिलीजियस प्लेस दिया गया है। धार्मिक मामलों के विभाग और संसदीय विभाग के मामलों में विचार विमर्श के बाद ही इसे अमल में लाया जाएगा। सन 2000 में सरकार का प्रस्ताव समुदाय के बावजूद धार्मिक स्थानों के कामकाज को नियंत्रित और विनियमित करने का था। उस समय अल्पसंख्यक समुदायों ने इसका विरोध किया था। इस बार भी इस बिल पर विरोध हो सकता है।