Career | पेट्रोलियम उत्पादों के क्षेत्र में हैं संभावनाएं
[epic_carousel_3 show_nav=”true” enable_autoplay=”true” include_category=”4908″]
दुनिया भर में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग हमेशा बनी रहती है। ऐसे में इनकी खोज और उत्पादन के दौरान पेट्रोलियम इंजीनियरों के साथ ही कुशल तकनीकी कर्मियों की जरूरत होती है। इस प्रकार इस क्षेत्र में कई संभावनाएं हैं।
काम की प्रकृति
पेट्रोलियम इंडस्ट्री मुख्यत: तेल की खोज, ड्रिलिंग, प्रोडक्शन, रिजर्व मैनेजमेंट, ट्रांसपोर्ट और मशीनरी जैसे अलग-अलग हिस्सों से मिलकर बनी है। पेट्रोलियम इंजीनियर इन अलग-अलग हिस्सों के विशेषज्ञ होते हैं, जो इंजीनियर जिस क्षेत्र का विशेषज्ञ है, उसे उस क्षेत्र का कार्यभार सौंपा जाता है। दुनियाभर में इस समय साधारण भौगोलिक क्षेत्र वाले स्थानों में पेट्रोल की खोज की जा चुकी है। अब वह स्थान बचे हैं, जहां की भौगोलिक संरचना थोड़ी मुश्किल है। ऐसी जगहों पर पेट्रोल-गैस की खोज करना कठिन होता है।
पेट्रोलियम इंजीनियर को कठिन हालातों में काम करना होता है। यही कारण है कि एक कुशल पेट्रोलियम इंजीनियर को लाखों रुपये का पैकेज मिलता है। पेट्रोलियम इंडस्ट्री में सामान्य तौर पर ज्यादातर काम मशीनों से ही होता है, लेकिन कभी-कभी कुछ परिस्थितियां ऐसी आ जाती हैं कि हाथों से मशीनों को ऑपरेट करना पड़ जाता है।
व्यक्तिगत कौशल है जरूरी
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए उम्मीदवार का संयमी होना जरूरी है। इस गुण के चलते मशीनों में किसी किस्म की खराबी होने पर आप शांति से मशीन को ठीक करने में रुचि लेंगे। पेट्रोलियम इंडस्ट्री के क्षेत्र में सफल होने में टीम भावना भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए एक टीम के रूप में काम करने की आदत इस पेशे की विशेष मांग है।
यह है योग्यता
इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए अंडर ग्रेजुएट कोर्स और कई डिग्री प्रोग्राम कराये जाते हैं। अंडर ग्रेजुएट कोर्स के लिए साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास होना चाहिए। पीजी कोर्स के लिए किसी भी इंजीनियरिंग स्ट्रीम से बैचलर डिग्री होना जरूरी है। देश में तमाम इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट पेट्रोलियम इंजीनियरिंग का कोर्स कराते हैं। इन संस्थानों में अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम की समय सीमा चार साल और पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम की समय सीमा दो साल निर्धारित होती है। कोर्स की फीस मुख्यत: संस्थान द्वारा तय मानक के आधार पर निर्धारित की जाती है।
ये हैं प्रमुख संस्थान
- इंडियन स्कूल ऑफ माइंस, धनबाद
- महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पुणे
- राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी, रायबरेली
- उत्तरांचल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, देहरादून।
[epic_block_21 header_icon=”fa-angle-double-right” first_title=”उत्तराखंड की अन्य ख़बरें” header_type=”heading_3″ header_background=”#bb1616″ header_text_color=”#ffffff” number_post=”8″ include_category=”उत्तराखंड,4094,4608,1636″]