पहाड़ो में पहाड़ जैसी जिंदगी जीने को मजबूर है लोग
चमोली | भारी हिमपात के बाद सीमांत ब्लॉक जोशीमठ के कलगोठ गाँव में जैसे सबकुछ थम सा गया है,ऐसे में आज जब गाँव में एक व्यक्ति बीमार हुआ तो उसे गाँव से मीलों दूर अस्पताल तक लाने में कैसे मुसीबत खड़ी हुई आप इन विडियो में देख सकते ही किस तरह पहाड़ में पहाड़ जैसी जिंदगी जीने को मजबूर है लोग,बर्फ बारी के बाद जब कोई बीमार पड़ता तो किस तरह से उसे 15से20 किलोमीटर पैदल दंडी कंडी में लेकर आते है,आजादी के 73 साल बाद भी अबतक सड़क से नहीं जुड़ पाया कलगोठ गांव जिस कारण ग्रामीणों को भारी मुश्किल दौर से गुजरना पड़ता है।
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शुक्रवार को कल्गोठ गांव मै बलवंत सिंह पुत्र गोपाल सिंह उम्र 62 वर्ष की अचानक तबियत बिगड़ गई सड़क के न होने के कारण ग्रामीणों द्वारा डंडी कंडी के सहारे बलवंत को लगभग 8 किमी पैदल चलकर नेशनल हाईवे तक पहुंचाया जिसके बाद बीमारी व्यक्ति को उपचार के लिए जिला मुख्यालय गोपेश्वर लेे जाया गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि आजादी के 73 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक उनका गाव सड़क से नहीं जुड़ पाया है। ग्रामीण सड़क की मांग कई वर्षों से कर रहे है।लेकिन सरकार द्वारा आज तक केवल ग्रामीणों की अनदेखी की गई हैं। जो कि बेहद निराशा जनक है।
कल्गोठ के ग्रामीण सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि आजादी के 73 साल हो गए है लेकिन अभी तक उनका गाव सड़क से नहीं जुड़ पाया है। ग्रामीणों द्वारा कही बार बीमार लोगो को डंडी कंडी के सहारे 8 से 10 किमी पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाया जाता है। आखिर कब तक ग्रामीण डंडी कंडी के सहारे बीमार लोगो को ऐसे ही कंधो पर पहुंचते रहेंगे।उन्होंने कहा कि अगर उनके गाव तक सड़क नहीं पहुंचती है तो वो आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव बहिष्कार किया जाएगा।