October 17, 2025

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सरल और संक्षिप्त

गाजीपुर बॉर्डर पर फिर जुट रहे किसान

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से देर रात में किसानों ने दिल्ली की तरफ कूच करना शुरू किया।

नई दिल्ली । गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली की सीमाओं पर हलचल तेज हो गई है। गाजीपुर बॉर्डर पर देर रात तक हलचल बनी रही। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे आंदोलन के बीच गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर कई घंटे तक हाई-वोल्टेज ड्रामा चला। यूपी सरकार ने आंदोलन खत्म कराने का आदेश दिया है, मगर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत प्रदर्शन जारी रखने पर अड़े हैं। टिकैत ने भावुक होते हुए कहा कि वे आत्महत्या कर लेंगे, लेकिन आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।

इधर, गुरुवार रात से ही बड़ी संख्या में किसान धरनास्थल पर जुटना शुरू हो गए हैं। मुजफ्फरनगर में सुबह पंचायत भी बुलाई गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से देर रात में किसानों ने दिल्ली की तरफ कूच करना शुरू किया। राकेश टिकैत अड़े हुए हैं, जिसका नतीजा यह है कि पुलिस को पीछे हटना पड़ा। देर रात पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स जिन गाड़ियों से वहां पहुंची थी, उन्हीं गाड़ियों से उन्हें वापस लौटना पड़ा। बता दें कि शाम से ही गाजीपुर बॉर्डर पर तनाव सा माहौल था। ऐसा लग रहा था कि कल की रात कुछ भी हो सकता था। मगर आसपास के इलाकों से किसानों के कूच करने की खबर ने आंदोलन को बल दिया और पुलिस को पीछे हटना पड़ा। आंदोलन स्थल पर किसानों का आना लगातार जारी है।

नरेश टिकैत ने राकेश टिकैत के रोता हुआ विडियो ट्वीट कर कहा है कि उनके ये आंसू व्यर्थ नहीं जाएंगे। नरेश ने ट्वीट करके कहा, ‘चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे और मेरे छोटे भाई राकेश टिकैत के ये आंसू व्यर्थ नहीं जाएंगे। सुबह महापंचायत होगी और अब हम इस आंदोलन को निर्णायक स्थिति तक पहुंचा कर ही दम लेंगे। लंबे समय से आंदोलन कर रहे किसानों को एक बार फिर से कांग्रेस, आरएलडी समेत कई दलों के नेताओं का समर्थन मिला। टिकैत के रोते हुए वीडियो को देखने के बाद आरएलडी मुखिया चौधरी अजित सिंह भी साथ आ गए। उन्होंने टिकैत और भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत से बात की। रात में करीब पौने आठ बजे के बाद जयंत चौधरी ने ट्वीट करके जानकारी दी। जयंत चौधरी ने कहा कि चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है। यह संदेश चौधरी साहब ने दिया है।

वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार शाम ट्विटर पर कहा कि यह साइड चुनने का समय है। मेरा फैसला साफ है। मैं लोकतंत्र के साथ हूं, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं। गाजीपुर बॉर्डर गुरुवार को एक तरह से छावनी में तब्दील हो गई थी। बड़ी तादाद में पुलिस के जवान और रैपिड ऐक्शन फोर्स के जवान तैनात थे। गाजीपुर बॉर्डर इलाके में धारा 144 लगा दी गई। ऐसी संभावना थी कि राकेश टिकैत सरेंडर कर सकते हैं या पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी। इस बीच आगे के कदम को लेकर बीकेयू में मतभेद प्रतीत हुआ और राकेश के भाई नरेश टिकैत ने यह तक ऐलान कर दिया था कि प्रदर्शन खत्म हो जाएगा। उन्होंने मुजफ्फरनगर में एक सभा में कहा, ‘निराश नहीं हों। गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन खत्म हो जाएगा। पुलिस द्वारा पीटे जाने से बेहतर है कि उस स्थान को खाली कर दें।’ मगर राकेश टिकैत की प्रेस कॉन्फ्रेंस से अचानक माहौल बदल गया।

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