बिट्टा कराटे की पत्नी समेत 4 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, जानें क्या है वजह
जम्मू । जम्मू-कश्मीर सरकार ने बिट्टा कराटे की पत्नी सहित 4 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, चारों को आतंकी संबंधों के कारण सर्विस से हटाया गया है। मालूम हो कि बिट्टा कराटे आतंक से जुड़े आरोपों का सामना कर रहा है। साथ ही वह कश्मीरी पंडितों की हत्या के मामले में भी आरोपी है।
बर्खास्त कर्मचारियों में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का बेटा भी शामिल है। सैयद अब्दुल मुईद उद्योग एवं वाणिज्य विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी प्रबंधक था। अधिकारियों ने बताया कि अन्य बर्खास्त कर्मियों में वैज्ञानिक डॉ.मुहीत अहमद भट्ट और कश्मीर विश्वविद्यालय में वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक माजिद हुसैन कादरी शामिल हैं।
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बता दें कि 1990 में 1 लाख से ज्यादा कश्मीरी पंडितों को उनका ही घर छोड़ने पर मजबूर किया गया था। उन्हें रातोरात बेघकर कर दिया गया था। कश्मीर में लोगों की हत्याएं और दहशत फैलाने का काम 1989 से ही शुरू हो था। बिट्टा कराटे उर्फ फारूक अहमद डार उस वक्त घाटी में दहशत का दूसरा नाम बन गया था। वह कश्मीरी पंडितों को खोज-खोजकर मारता था। पहला खून उसने सतीश का किया था। बिट्टा ने यह भी बताया था कि वह पिस्तौल से मारता था। अक्सर अकेले मर्डर करने निकलता था और नकाब नहीं पहनता था। वहां के लोग उसका साथ देते थे।
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बिट्टा कराटे ने जेकेएलएफ नेताओं के आदेश पर 20 पंडितों को मारने की बात कैमरे पर स्वीकार की थी। हालांकि, बाद में कराटे ने इसका खंडन करते हुए कहा कि उसने दबाव में यह बयान दिया। फारूक अहमद डार का नाम बिट्टा कराटे इसलिए पड़ा क्योंकि वह मार्शल आर्ट में ट्रेंड था। कराटे पुराने शहर श्रीनगर के गुरु बाजार इलाके में बड़ा हुआ, जो 1990 के दशक में उग्रवाद का केंद्र था। उसने हाई स्कूल छोड़ दिया, जिसमें कई पंडित शिक्षक थे। बिट्टा कराटे ने 2011 में कश्मीर प्रशासनिक सेवा (केएएस) की अधिकारी असबाह अर्जुमंद खान से शादी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, खान भी बिट्टा की प्रशंसक थी। उन्होंने कहा था कि अगर वह सरकारी अधिकारी नहीं होती तब भी वह बिट्टा से शादी कर लेती।