September 4, 2025

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

‘धर्म संसद’ में भड़काऊ भाषण देने पर दर्ज एफआईआर में जोड़े गए 2 और नाम

'धर्म संसद' में भड़काऊ भाषण देने पर दर्ज एफआईआर में जोड़े गए 2 और नाम

हरिद्वार| उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई ‘धर्म संसद’ में दिए गए विवादित बयानों को लेकर दर्ज कराई गई एफआईआर में अब दो नाम और बढ़ा दिए गए हैं। वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी के बाद दो संत महामंडलेश्वर धर्मदास और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती भी केस दायरे में आ गए हैं। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। उधर, संत समाज में इस कार्रवाई को लेकर रोष बढ़ता जा रहा है। ज्ञात हो कि हरिद्वार में बीते 17 से 19 दिसंबर को धर्म संसद का आयोजन किया गया था। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की अध्यक्षता में आयोजित धर्म संसद में साधु-संतों ने अल्पसंख्यकों को निशाना बनाते हुए कई भाषण दिए थे।

बताया जाता है कि लगातार सामने आ रहे वीडियो और साक्ष्यों के आधार पर पुलिस एफआईआर में नाम बढ़ाती जा रही है। हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने दंड संहिता की धारा 153 ए के तहत केस दर्ज किया है। एफआईआर में नाम बढ़ाए जाने से संत समाज में आक्रोश पनपता जा रहा है। हालांकि संत समाज इससे भयभीत नहीं है, बल्कि संतों का कहना है कि अगर उनको जेल में डाला जाएगा, तो वे सजा काटने को भी तैयार हैं।

संतों ने अपनी सफाई में कहा है कि हमारे भाषण आम मुसलमान या आम लोगों के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि मुस्लिम जिहादियों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि अदालतों में विचार और फैसला किया जाए कि बहुसंख्यक समाज अगर कुछ बोलता है तो उस पर एफआईआर दर्ज हो जाती है और अल्पसंख्यक कुछ भी बोलते हैं तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती जी और महामंडलेश्वर धर्मदास जी पर भी एफआईआर दर्ज हुई है। यह बहुत ही दुखद है।

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि षड्यंत्रकारी वामपंथियों और कांग्रेसियों के दबाव में सरकार आती जा रही है। सरकार सत्य के लिए लड़ने वालों को परेशान करना चाहती है। मैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वे इस अन्याय को रोकें। उन्होंने कहा कि धर्म संसद किसी एक व्यक्ति का प्रयास नहीं था, यह बहुत बड़ी धर्म संसद थी और बहुत बड़ी संख्या में महात्माओं ने आकर अपने विचार रखे, यदि कोई सोचता है कि केस दर्ज करवाकर हमारी जुबान बंद करवा देगा, तो यह उसकी गलतफहमी है। हम इस लड़ाई को आगे जारी रखेंगे।

शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि यह शर्मनाक है कि हरिद्वार हमारी तीर्थ नगरी है और उसमें बैठकर हम धर्म रक्षा की बात नहीं कर सकते हैं। धर्म संसद में बातें धर्म रक्षा की हुई हैं। उन्होंने कहा हम अपने उन बयानों पर कायम हैं। अगर कोई हमारी बहन का रेप करे तो क्या हम उसे मार नहीं डालेंगे? धर्म संसद में वक्ताओं ने ऐसे व्यक्तियों को मारने की बात की, न कि आम मुसलमान के बारे में, जो कि हमारे मित्र हैं। स्वामी आनंद स्वरूप ने दावा किया कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता।

हरिद्वार के एसपी सिटी शेखर सुयाल ने बताया कि कहा कि धर्म संसद अभद्र भाषण मामले में हमारे आईओ ने अध्ययन करने के बाद दो और नाम प्राथमिकी में बढ़ाए हैं। आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने बताया कि शुरू में वसीम रिजवी का नाम एफआईआर में था, अन्य इन्वेस्टिगेशन का हिस्सा बने और उनका नाम भी केस में जोड़ा गया। इसके अलावा, हमारा प्रयास है कि उन भड़काऊ भाषणों के वीडियोज को ज्यादा सर्कुलेट नहीं होने दिया जाए, इसके लिए एजेंसियों से संपर्क कर प्रयास किए जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *