December 23, 2024

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

2 साल बाद ‘वर्क फ्रॉम होम’ बना अब न्यू नॉर्मल : ताजा अध्ययन में हुआ यह खुलासा

2 साल बाद ‘वर्क फ्रॉम होम’ बना अब न्यू नॉर्मल : ताजा अध्ययन में हुआ यह खुलासा

नई दिल्ली| कोरोना वायरस महामारी के कारण पहले तो कर्मचारियों पर दूर रहकर दफ्तर का काम करने की व्यवस्था थोपी गई थी लेकिन अब 2 साल बाद ‘वर्क फ्रॉम होम’ अब न्यू नॉर्मल बन गया है।नई आदतें लोगों की जिंदगी में अपनी जगह बना चुकी हैं। ताजा अध्ययन में खुलासा हुआ है कि 82 फीसदी लोग दफ्तर नहीं जाना चाहते और वे घर से ही काम करना चाहते हैं। एक सर्वेक्षण में चार महादेशों में 100 से ज्यादा एग्जीक्यूटिव और एचआर अधिकारियों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया गया है। यह सर्वेक्षण सोशल मीडिया, साक्षात्कार और पैनल चर्चा के जरिए किया गया। सर्वेक्षण में शामिल 64 फीसदी कर्मचारियों ने कहा कि घर से काम करने पर उनकी प्रोडक्टिविटी ज्यादा रहती है और तनाव भी कम रहता है।

इस बीच 80 फीसदी से ज्यादा एचआर मैनेजर्स ने कहा कि पूर्णकालिक रूप से ऑफिस जाकर काम करने वाले कर्मचारी खोजना अब उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है। वहीं 67 फीसदी से अधिक कंपनियों ने भी कहा कि ऑफिस जाकर काम करने वाले लोग खोजना उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है। साइकी के फाउंडर और सीईओ करूणजीत कुमार धीर ने कहा, ”रिमोट वर्किंग की दुनिया में स्वागत है।” स्टडी में कहा गया कि दूरस्थ काम करते हुए 2 साल बीत जाने पर एक नए तरह का लचीलापन मिला है जो कर्मचारियों और एम्प्लायर दोनों के ही लिए लाभदायक है।

बदले हुए माहौल में घर से काम करना अब विकल्प न रहकर न्यू नॉर्मल बन गया है और टेक सेक्टर में काम करने वाले लोग अपने एम्प्लायर से इसकी उम्मीद भी रखते हैं। जो एम्प्लायर इस व्यवस्था को अपनाने को तैयार नहीं हैं उन्हें अच्छे टैलैंट को साथ जोड़ने और पहले से काम कर रहे लोगों को अपने साथ बनाए रखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।