राष्ट्रीय खेलों के 103 पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी जल्द, टीम इवेंट के हर खिलाड़ी की भी बल्ले-बल्ले

राज्य सरकार ने 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के लिए पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरी देने की कसरत शुरू कर दी है। राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाडिय़ों ने कुल 103 पदक जीते। इनमें से जो मेडल टीम इवेंट में आए हैं, उन टीमों के प्रत्येक खिलाड़ी को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इस कोटे से सरकारी नौकरी के लिए खिलाड़ी के पास उत्तराखंड का मूल निवास या स्थायी निवास प्रमाणपत्र होना आवश्यक है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने इस संबंध में अधिकारियों को तेजी से कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
नगद पुरस्कार राशि जल्द से जल्द दिलवाने के निर्देश
कैंप कार्यालय में आयोजित बैठक के बाद खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि अधिकारियों को पदक विजेताओं के जाब आफर का प्रस्ताव तैयार कर जल्द कैबिनेट में लाने के लिए कहा गया है। इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने पदक विजेताओं के लिए जो नगद पुरस्कार राशि की घोषणा की थी, उस पर अमल की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बैठक में खेल मंत्री रेखा आर्या ने अधिकारियों को खिलाडिय़ों की नगद पुरस्कार राशि उन्हें जल्द से जल्द दिलवाने के लिए निर्देशित किया। खास बात यह कि स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को 4200 ग्रेड पे की नौकरी दी जाएगी, जबकि रजत व कांस्य पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को 2800 या 2000 ग्रेड पे वाली नौकरी आफर की जाएगी। खिलाडिय़ों को ये नौकरियां ज्यादातर खेल और युवा कल्याण विभाग व पुलिस विभाग में दी जाएंगी। बैठक में खेल मंत्री ने कहा कि राज्य में अब जितनी खेल अवस्थापना सुविधाएं स्टेडियम, आडिटोरियम, बहुउद्देश्यीय हाल, साइक्लिंग वेलोड्रोम, शूटिंग रेंज आदि तैयार हैं, उनकी देखरेख व संचालन के लिए भी नीति बनाने की जरूरत है। खेल मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इसकी योजना तैयार कर इस दिशा में तेजी से कदम उठाए जाएं। बैठक में विशेष सचिच खेल अमित सिन्हा, खेल निदेशक प्रशांत आर्य समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
ट्रायल की तिथि जल्द घोषित करें
बैठक में खेल मंत्री रेखा आर्या ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री खिलाड़ी उदीयमान उन्नयन योजना और मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना के लिए नए खिलाडिय़ों का चयन करने की प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए। खेल मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि शिक्षा विभाग के कैलेंडर को ध्यान में रखते हुए सभी जिलों के अधिकारियों से चर्चा कर जल्द ट्रायल की तिथियां घोषित की जाएं। इसके लिए अगले सत्र में स्कूल-कालेज खुलने का इंतजार न किया जाए, बल्कि अभी से इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।