कोरोना | लक्षण दिखें तो 10 दिन होम आइसोलेशन में रहें
नई दिल्ली । कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देशभर के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। पिछले एक सप्ताह से देश में मिलने वाले मरीजों की संख्या बेहद तेजी से बढ़ रही है। बीते 24 घंटे में दुनिया में 8.92 लाख लोग कोरोना पॉजिटिव आए हैं। इनमें से 3.86 लाख भारत से हैं।
इस बीच केंद्र सरकार और एम्स के डायरेक्टर ने कोरोना पर सलाह दी है। सरकार ने बयान जारी कर कहा कि लोगों को लगता है कि कोरोना एक स्कैम है और मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। लोगों को नियम मानने चाहिए, क्योंकि आप तो थक सकते हैं, लेकिन वायरस कभी नहीं थकता है।
वहीं ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया होम आइसोलेशन के बारे में विस्तार से बताया।
होम आइसोलेशन में इन 8 नियमों का पालन करें
♦ कोरोना मरीज को बीमारी के लक्षण आने के कम से कम 10 दिन बाद तक होम आइसोलेशन में रहना चाहिए।
♦ होम आइसोलेशन से बाहर आने से 3 दिन पहले तक मरीज को बुखार नहीं आना चाहिए।
♦ आइसोलेशन पीरियड खत्म होने के बाद मरीज को दोबारा कोरोना टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।
♦ डॉक्टर की बताई दवाइयां लगातार लेते रहना चाहिए। बुखार, सर्दी और खांसी की दवाई भी लेते रहें।
♦ दवाइयां लेने के बाद भी अगर बुखार ना जाए तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए।
♦ यदि सात दिनों तक बुखार और कफ कम ना हो तो डॉक्टर की सलाह पर लो डोज ओरल स्टेरॉइड लिया जा सकता है।
♦ होम आइसोलेशन में रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने की जरूरत नहीं है। इसे डॉक्टरों की निगरानी में दिया जाना चाहिए।
♦ ऑक्सीजन लेवल कम हो या सांस लेने में परेशानी होने लगे तो डॉक्टर से फौरन संपर्क करना चाहिए।
कब डॉक्टर के पास जाना जरूरी
जब सांस लेने में दिक्कत होने लगे, ऑक्सीजन लेवल कमरे में 94 से कम हो, हाथ पैर या छाती में तेज दर्द हो, जब आप चीजें जल्दी भूलने लगें या सोचने-समझने की क्षमता कम होने लगे।
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