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ज़रूर सुनें! प्रमुख वन संरक्षक का ये ख़ास सन्देश

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उत्तराखण्ड वन विभाग में प्रमुख वन संरक्षक जय राज ने सोशल मीडिया पर इस वायरस के प्रकोप के चलते घोषित लॉक डाउन के फायदे गिनाये। आइये आपको सुनवाते हैं कि इस लॉक डाउन के साइड-इफेक्ट्स कैसे प्रकृति का कायाकल्प कर रहे हैं।

 

(सौजन्य: उत्तराखण्ड फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट की सोशल फीड)

देहरादून: आज पूरा विश्व कोरोना नामक महामारी से जूझ रहा है। ये ठीक वैसा ही है जैसा कि कभी आपने और हमने प्रलय आने की भयावह कल्पना की होगी। जहाँ देशों ने अपनी ताक़त बड़े-बड़े हथियारों को बनाने और सौर-मण्डल के रहस्य जानने में लगा दी, वहां किसने सोचा था कि एक छोटा सा जीवाणु सम्पूर्ण विश्व को हिला देगा। किसने सोचा था कि ये बड़े बड़े हथियार, ये सौर-मण्डल का ज्ञान सब धरा रह गया इस छोटे से वायरस के आगे ।

लेकिन इस दौर में जब हर कोई इस वायरस के डर से घर में बैठा है, प्रकृति मानो खुश हो रही है। जिन नदियों की सफाई के लिए बड़े बड़े बजट लाये गए, 15 दिन में मानो वो खुद जी उठी हैं। वन्य जीवों के सड़कों पर घूमते विडियो आपने जरूर सोशल मीडिया पर देखे होंगे – हिरन, हाथी जैसे वन्य-जीव मानो अपने पुराने रास्तों पर लौट आये हैं, वो रास्ते जो हमने उनसे छीन लिए थे।

उत्तराखण्ड वन विभाग में प्रमुख वन संरक्षक जय राज ने सोशल मीडिया पर इस वायरस के प्रकोप के चलते घोषित लॉक डाउन के फायदे गिनाये। आइये आपको सुनवाते हैं कि इस लॉक डाउन के साइड-इफेक्ट्स कैसे प्रकृति का कायाकल्प कर रहे हैं।