September 7, 2025

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सरल और संक्षिप्त

हेली-सेवाओं के विस्तार हेतु हेलीकाप्टर समिट

राज्य के सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए कम समय में पहुंचने के लिए हवाई सेवा अत्यन्त आवश्यक है ।

ख़ास बात:

  • नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार और फिक्की के संयुक्त तत्वाधान में समिट का आयोजन।
  • राज्य में 51 हेलीपैड हैं, 2 एयरपोर्ट हैं, 1 एयर स्ट्रिप है और 1 सीप्लेन साइट है।
  • पिथौरागढ़ में हेली सेवाओं के लिए इच्छुक कंपनी को राज्य सरकार केंद्र के अतिरिक्त अपनी ओर से सब्सिडी देगी।

देहरादून: उत्तराखण्ड में हेली-सेवाओं के विस्तार को लेकर राजधानी देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड में हेलीकॉप्टर समिट का आयोजन किया गया। इस समिट का

उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। देशभर से कई हेली सर्विस कंपनियों ने इसमें शिरकत की।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार और फिक्की के संयुक्त तत्वाधान में इस समिट का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड में हर साल, सम्मेलन के आयोजन करने की घोषणा की।

उत्तराखण्ड में हेली सेवाओं के विस्तार को लेकर मंथन करते हुए कंपनियों के सामने राज्य में हेली-सेवाओं के विस्तार की संभावनाओं को विस्तार से रखा गया और चारधाम यात्रा में हेली सेवाओं के स्कोप पर भी चर्चा हुई। गौरतलब है कि उत्तराखंड पिछले 18 सालों में औद्योगिक राज्य के रूप में उभरा है और राज्य में निवेश की अपार संभावनाएं हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा राज्य में पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। राज्य में हर साल 2 लाख लोग हेली सेवाओं का प्रयोग करते हैं। इस लिहाज से हेली सेवाओं के लिए अपार संभावनाएं हैं। सीएम ने कहा राज्य में 51 हेलीपैड हैं, 2 एयरपोर्ट हैं, 1 एयर स्ट्रिप है और 1 सीप्लेन साइट है।

सीएम ने कहा हम राज्य में पायलेट्स की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। आराकोट में हुए हादसे में हमने 2 होनहार पायलेट खो दिए थे। सीएम ने कहा कि पिथौरागढ़ में हेली सेवाओं के लिए यदि कोई कंपनी आती है तो राज्य सरकार केंद्र के अतिरिक्त अपनी ओर से सब्सिडी देगी। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से हेलिकॉप्टर की सुविधाएं बेहद जरूरी हैं।

सड़क मार्ग से राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों में जाने में बहुत समय लगता है। राज्य के सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए कम समय में पहुंचने के लिए हवाई सेवा अत्यन्त आवश्यक है ।

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