आईएनएस नीलगिरि हुआ लॉन्च
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो
मुंबई: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में नौसेना के सात नए स्टील्थ फ्रिगेट्स (रडार को मात देने वाला युद्धपोत) में से पहले युद्धपोत आईएनएस नीलगिरि को लॉन्च किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार भारत के समुद्री हितों के लिए किसी भी पारंपरिक और अपारंपरिक खतरों से निपटने के लिए नौसेना के आधुनिकीकरण और से बेहतरीन प्लेटफार्मों, हथियारों और सेंसर से लैस करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी देश की विश्वसनीय रक्षा उसकी स्वदेशी रक्षा क्षमता पर आधारित होती है। उन्होंने रक्षा उपकरणों के संदर्भ में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजाइन एंड मेक इन इंडिया’ पर जोर दिया।
रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि नीलगिरि और इस परियोजना के अन्य छह युद्धपोत भारतीय ध्वज को गर्व के साथ महासागरों में लहराएंगे। साथ ही वे दुनिया भर में भारत के जहाज निर्माण क्षमता को प्रदर्शित करते हुए भारत के शांति एवं शक्ति के संदेश को फैलायेंगे। उन्होंने शिपयार्ड के कर्मचारियों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि जहाज महज धातु और पेंट ही नहीं है बल्कि यह इस परियोजना से जुड़े लोगों की कड़ी मेहनत, पसीने और दृढ़ता की कहानी बयां करता है।
आईएनएस नीलगिरि परियोजना 17ए का पहला जहाज है। परियोजना 17ए के युद्धपोतों का डिजाइन शिवालिक श्रेणी के युद्धपोत जैसा है जो कहीं अधिक उन्नत तकनीक और स्वदेशी हथियार एवं सेंसर से लैस हैं। इन युद्धपोतों को एकीकृत निर्माण पद्धति के इस्तेमाल से बनाये जा रहे हैं। पी17ए युद्धपोत में बेहतर अस्तित्व क्षमता, समुद्र में मौजूद रहने, रडार से बचने और बेहतर गतिशीलता के लिए नई डिजाइन अवधारणाओं को शामिल किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना के सबसे बड़े ड्राई डॉक – द एयरक्राफ्ट कैरियर डॉक का भी उद्घाटन किया। उन्होंने इसे “आधुनिक भारत का महल” कहा।