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प्रदूषण जांच केन्द्र पर अवैध वसूली

बीमा कंपनियों के दफ्तर और प्रदूषण जांच कराने वाले केंद्रों पर आजकल ज़बरदस्त भीड़ जुट रही है। शहर के ज्यादातर जांच केंद्रों पर 100 रुपये के बजाए 200 रुपये शुल्क लेकर प्रदूषण जांच का सर्टिफिकेट दिया जा रहा है।

ख़ास बात:

  • नगर में 100 रुपये के बजाए 200 रुपये शुल्क लेकर प्रदूषण जांच का सर्टिफिकेट दिया जा रहा है।
  • पूरे जिले में प्रदूषण जांच केन्द्रों की कुल संख्या 23 है ।
  • शहर में वाहनों की संख्या करीब दस लाख है।

देहरादून: नगर में नए  मोटर वाहन अधिनियम एक्ट लागू होने के बाद इसका सबसे ज्यादा फायदा प्रदूषण जांच केंद्र संचालक उठा रहे हैं और चालकों से अवैध वसूली कर रहे हैं। बीमा कंपनियों के दफ्तर और प्रदूषण जांच कराने वाले केंद्रों पर आजकल ज़बरदस्त भीड़ जुट रही है। शहर के ज्यादातर जांच केंद्रों पर यही स्थिति बनी हुई है और 100 रुपये के बजाए 200 रुपये शुल्क लेकर प्रदूषण जांच का सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। इस मसले पर बात करते हुए एआरटीओ अरविंद पांडे ने बताया कि अवैध वसूली करने वाले केंद्र संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल प्रदूषण जांच के लिए शहर में आरटीओ ने सिर्फ 19 जांच केंद्रों को ही मान्यता दी हुई है, जबकि शहर में वाहनों की संख्या करीब दस लाख है। इसके अलावा पूरे जिले में प्रदूषण जांच केन्द्रों की कुल संख्या 23 है । सभी वाहनों को छह माह के लिए प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र दिया जाता है और हर छह माह में दोबारा जांच करा यह प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होता है। सीमित केंद्र होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।