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5वाँ देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल

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तीन दिवसीय इस फिल्म फेस्टिवल में 100 से अधिक शॉर्ट फिल्म, डॉक्यूमेंट्री, म्यूज़िक एलबम प्रदर्शित की जाएंगी।

ख़ास बात

  • फिल्म फेस्टिवल में 100 से अधिक शॉर्ट फिल्म, डॉक्यूमेंट्री, म्यूज़िक एलबम प्रदर्शित की जाएंगी।
  • फिल्म फेस्टिवल का यह पांचवा सीजन है।
  • फेस्टिवल का शुभारंभ मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया।

देहरादून: देहरादून में बीते शुक्रवार से पांचवा देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल से शुरू हुआ। फेस्टिवल का शुभारंभ मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। इस मौके पर फिल्म जगत की कई हस्तियां भी मौजूद रही। तीन दिवसीय इस फिल्म फेस्टिवल में 100 से अधिक शॉर्ट फिल्म, डॉक्यूमेंट्री, म्यूज़िक एलबम प्रदर्शित की जाएंगी।

तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में फिल्म जगत की कई मशहूर हस्तियां भी देहरादून में नजर आयीं । इनमें से कई फिल्म कलाकारों को मुख्यमन्त्री द्वारा सम्मानित भी किया गया।

इस मौके पर फिल्मों को लेकर उत्तराखण्ड के सौन्दर्य की अनुकूलता का ज़िक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक प्रकार से पूरा उत्तराखण्ड एक ओपन स्टूडियो है। देश के विभिन्न भागों से फिल्म निर्माता उत्तराखण्ड के प्रति आकर्षित हुए हैं । मलयाली फिल्म के साथ ही पिछले डेढ़ सालों में लगभग 200 फिल्मों की शूटिंग उत्तराखण्ड में हुई है। पिछली बार जब उनकी मुम्बई में फिल्म जगत से जुड़े लोगों से भेंट हुई तो उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड में उन्हें फिल्म शूटिंग के लिये सहयोगात्मक वातावरण प्राप्त हुआ है। इसी का प्रतिफल भी है कि उत्तराखण्ड को बेस्ट फिल्म फ्रैंडली स्टेट का पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हीं की पहल पर उत्तराखण्ड में सड़क-2 की शूटिंग के लिए फिल्म निर्माता रमेश भट्ट रोमानिया के बजाय उत्तराखण्ड आये। और यहां के सौन्दर्य से अविभूत हुए। उन्होंने इस फैस्टिवल में आये फिल्म कलाकारों एवं फिल्म से जुड़े लोगों से उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों के सौन्दर्य से रूबरू होने का आग्रह किया।

फिल्म फेस्टिवल में आए कलाकारों ने कहा कि उत्तराखंड में शूटिंग करने के लिए उन्हें कभी कोई दिक्कत नहीं आई और उत्तराखंड में कई ऐसी खूबसूरत जगह है जहां फिल्म निर्माताओं को शूटिंग करनी चाहिए।

अभिनेता  यशपाल शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जहाँ पहाड़ों में शिमला, कुलु, मनाली इत्यादि में बहुत शूटिंग हो चुकी है, वहीं उत्तराखंड राज्य अपने जंगलों, पहाड़ों, नदियाँ, शहर, गाँव इत्यादि के साथ अभी भी बहुत सी संभावनाएं समेटे हुए है । उन्होनें कहा कि यहाँ फिल्म इंडस्ट्री को फ़िल्में ज़रूर बनानी चाहिए और खासकर कि उत्तराखंड के लोगों को इसमें सहयोग करना चाहिए ।

फेस्टिवल आयोजक राजेश शर्मा ने बताया कि फिल्म फेस्टिवल का यह पांचवा सीजन है। और इस तरीके के फेस्टिवल कराने से प्रदेश में जो युवा फिल्मों में काम करना चाहते हैं उनको बढ़ावा मिलता है साथ ही उत्तराखंड में शूटिंग के लिए बहुत सी सुंदर जगह हैं ।