December 22, 2024

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

कोविड उपचार के 6 हफ्तों तक ब्लैक फंगस के रोगी को ज्यादा खतरा

इसकी एक सबसे खास वजह है मरीज के ऑक्सीजन पर होने के दौरान अनियंत्रित मधुमेह में स्टेरॉयड के साथ टोसिलीजुमाब का इस्तेमाल।

नई दिल्ली। एम्स के वरिष्ठ न्यूरोसर्जरी प्रोफेसर डॉ पी शरत चंद्र का कहना है कि फंगल संक्रमण नया नही है, लेकिन यह कभी महामारी की तरह नहीं फैला। इसके इस घातक स्तर पर पहुंचने के कारण का अभी ठीक-ठीक कारण का पता नहीं चला है। उन्होंने कहा कि हालांकि इसके अनेक कारण हो सकते हैं। इसकी एक सबसे खास वजह है मरीज के ऑक्सीजन पर होने के दौरान अनियंत्रित मधुमेह में स्टेरॉयड के साथ टोसिलीजुमाब का इस्तेमाल।

उन्होंने कहा कि यदि कोरोना के उपचार के छह हफ्तों तक यदि मरीज में ऐसा कोई कारण नजर आता है, तो उनमें ब्लैक फंगस का सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है। डॉ चंद्र ने चेताया कि इसके मरीज को ऑक्सीजन सिलिंडर से सीधे ठंडी ऑक्सीजन देना बेहद खतरनाक हो सकता है। मालूम हो कि एम्स दिल्ली और झज्जर परिसर में 90, अपोलो में 25, मैक्स में 30, गंगाराम अस्पताल में 55, मणिपाल में 13, आकाश अस्पताल में पांच और फोर्टिस वसंतकुंज अस्पताल में 10 मरीज भर्ती हैं। दिल्ली सरकार के अधीन 33 अस्पतालों की जानकारी इसमें नहीं है। दरअसल, केंद्र ने पुराने आंकड़े के आधार पर इंजेक्शन भेजे, तब तक मरीज बढ़ गए। इसीलिए केंद्र और राज्य के आंकड़े में अंतर दिख रहा है।