अहिंसा दिवस पर क्यों मनाया गया काला दिवस
हल्द्वानी: आज जहां गांधी जयंती को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, तो वहीं दूसरी तरफ गांधी जयंती पर कई सामाजिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन कर गांधी जयंती को काले दिवस के रूप में मनाया।
हल्द्वानी के बुध पार्क में यूकेडी ने रामपुर तिराहा कांड के विरोध में काला दिवस मनाते हुए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग की। वहीं राज्य आंदोलनकारियों ने भी आज के दिन रामपुर तिराहा काण्ड में राज्य आंदोलनकारियों की हत्या करने वाले हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई ना होने पर राज्य सरकार का पुतला फूंकते हुए दोषियों को सजा देने की मांग की।
बुध पार्क में ही सामूहिक सत्याग्रह धरना आंदोलन करते हुए रोस्टर प्रणाली की बहाली, पदोन्नति में आरक्षण और बैकलॉग के पदों को भरने सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर मिशन एंड फाउंडेशन द्वारा भी विरोध किया गया।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी रामपुर तिराहा कांड की 25वीं वर्षगाँठ पर देहरादून स्थित कचहरी परिसर में राज्य निर्माण आंदोलन के शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित की।
रामपुर तिराहा कांड की 25वीं बरसी पर कचहरी परिसर देहरादून में उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित की। pic.twitter.com/5C09wtbkYn
— Trivendra Singh Rawat ( मोदी का परिवार) (@tsrawatbjp) October 2, 2019
भाजपा संसद अजय भट्ट ने रामपुर तिराहा कांड की 25वीं वर्षगाँठ पर शहीद हुए आन्दोलनकारियों को अपने ट्विटर हैंडल द्वारा श्रद्धांजली दी।
रामपुर तिराहा कांड की 25वीं बरसी पर उत्तराखंड के शहीदों व आंदोलनकारियों को नमन करता हूं।
2 अक्टूबर 1994 की काली रात को हम उत्तराखंडी कभी नहीं भुला पाएंगे। मैं शहीदों के परिजनों व आंदोलनकारियों को भरोसा दिलाता हूं कि, उनकेसपनों का उत्तराखंड बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. pic.twitter.com/MyHgVGdfqB— Ajay Bhatt (Modi Ka Parivaar) (@AjaybhattBJP4UK) October 2, 2019